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प्रथा Custom प्रश्न ) प्रथा संक्षिप्त टिप्पड़ी ? Custom short note? उत्तर ) प्राचीन समय में धर्म तथा विधि में एक अभिन्न संबंध माना जाता था | विधि धर्म का ही अंग मानी जाती थी , धर्म के स्रोतों को ही विधि का स्रोत भी माना जाता था | मनु के अनुसार - वेद : स्मृति : सदाचार : स्वस्य च प्रियमात्मन : | एतच्चतुर्विध्हम प्राहु : साक्षाधर्मस्य लक्षणम || मनु 2 | 1 | 12 || अर्थात वेद , स्मृति , सदाचार एवं जो अपने को तुष्टिकर हो , यह चार धर्म के स्पष्ट लक्षण हैं | प्रथाएं प्राचीन काल से ही हिंदू विधि का स्रोत मानी जाती रही हैं | प्रथाएं वह नियम है जो किसी परिवार , वर्ग , जाति , स्थान विशेष में बहुत समय से या चिरकाल से चली आने के कारण विधि से बाध्यकारी मान्यता प्राप्त कर लेती हैं | प्रथाएँ ज्यादा प्राचीन होती हैं रूढ़ीयो से | प्रथा शब्द को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 3 ( क ) में परिभाषित किया गया